veer teja chalisa

तेजाजी मुख्यत: राजस्थान के लेकिन उतने ही उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात और कुछ हद तक पंजाब के भी लोक-नायक हैं। अवश्य ही इन प्रदेशों की जनभाषाओं के लोक साहित्य में उनके आख्यान की अभिव्यक्ति के अनेक रूप भी मौजूद हैं। राजस्थानी का ‘तेजा’ लोक-गीत तो इनमें शामिल है ही।व अब तेजा चालीसा की रचना होकर प्राण प्रतिस्ठत किया गया है जो सुबह साम आराधना के लिए है वे इन प्रदेशों के सभी समुदायों के आराध्य हैं। लोग तेजाजी के मन्दिरों में जाकर पूजा-अर्चना करते हैं तेजाजी के अनेको पर्चे भक्तो को होते रहते है
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