tejaji ke dohe तेजाजी के दोहे




 वीर तेजाजी महाराज की जय 

शिव शंकर रो है अवतारी ताहर जी रो लाल,
राम कंवरी रो पुत्र लाडलो गायांरो गोपाल
सावण बरसे भादवो इन्द्र री शुरूवात,
तेजा हल तू जोत जे थारी मैया केवे बात,
हंस्तो तेजो बोल्यो बरस्यो इन्द्र भगवान
हाली ने भेजो खेत में, मैं तो हूँ मां नादान
मेरी उम्र नादान मां मने खेलणों आवे,
कियां पकडे हळ री हाल कियां हळ बावे
सिख्या बेटा सब हूए किसानां रो काम,
हल ले तेजो चाल्यो ले माता रो नाम
मेहनत करियां मोती नीपजे ऐ तेजे रा भाव,
बेल्या लिन्या साथ में लियो शंकर रो नाव
बोल्यो तेजो जांवतो भातो बेगो भेज
भाभी म्हारी लाडली मती लगाज्यो जेज
हुई घणी दुपेर तावडो च आयो,
तेजा ने लागी भूख भातो नहीं आयो
भुखा म्हारा बल्दीया बिना कलेवे तेज,
भाभी बेगा आवंता कियां लगाई जेज
भातो आयो दुपेर हालत देखो म्हारी,
बेल्या भुखा हल बावता भाभी गलती थारी
भाभी बोल्या बोलणा सुणले देवार तेज,
परणी बेठी पिहर में क्यों लगावे जेज
सुरवीर क्ष़़़़त्री रो जायो सुणु न एक थारी,
पगा लगादु लाय के भाभीजी देराणी थारी
मैं तो परणी लावसुं जिण रो थाम्यो हाथ,
तेजो घराने आवीयो एक सुणी नही बात
बोली माता तेज ने काई थारी टुटी रास,
हल, हाल, कुछ टुटीयो तुं क्यु भयो उदास
खुद पंचरगी सापो करयो लीलण रो सिणगार,
पण्डित मोहरत मना करयो भाभी करे गुहार
रीस करो मत देवर म्हारी छोटी बहन परणादूं
बडा भाई ने केयने थारो दुजो ब्याव करादूं
सुणी ने एक तेजे पहूच गये ससुराल
डेरा दिया बाग में सुणो आगेरा हाल ।
पाणी भरती गोरडी तेजे करी पीछाण
साल्या पुछयो गांव रो तेजे बताई जांण
सासु गायां दुवती सुणी लीलण री खरताळ
काल्यो खावे थने सासु दीनी गाळ
तेजो तेज तलवार सो घोडी लीवी घुमाय,
पेमल आय ने रोविया माफ करो भरतार
घुंघट आंख्या केलीवी हुई नही पीछाण,
बिन देखयां थाने बोलीया देख न दीनी गाळ
झूठ आगे झूकूं नही सत्यरी राखूं आंण,
बोल रा घाव भरे नहीं सासु सत्यरी पहचाण ।
तेजो तेज प्रकाश सुं मेह अंधेरी रात,
रोती लाछां गुजरी तो तेजो पुछी बात ।
बोले लांछा गुजरी कायर जग संसार
गायां मीणा ले गया कुण चे अब बाहार
धोती चोलो पहरने कियो साफेरो सिणगार,
भालो लीन्यो हाथ में हो लीलण रे असवार
गांया सगळी लावसुं वचन तेजे रा जाण,
लाछां घरां पधारो िव भांकर री आण ।
जलतो सर्प ने देखियो अगनी सुं लीयो बाचाय,
बासक वचना बांधियो पाछो आय देवूं निभाय
बासक बोल्यो तेज ने तु सुरा रो सूर
धीन है जननी माय ने जीणने जायो एसो नूर ।
देवू जीवन दान तेजा तू मनमें हरख मनाय,
आयो वचन निभावणे धीन पाछो घराने जाय ।
कायर नही किरलावंतो नही झुकू में थारी आंण,
बासक वचन निभावणा आ तेजा री पिछाण ।
तीरा बीेंध्यो शरीर ने ज्यू सुवागण सिंदुर,
कवारी जाग्या डंख भरुं तु होज्या म्हासु दूर ।
भालो गाडयो जमीन में चो इणरी भणकार,
लीलण आसण बेठ के जीभा देवो फटकार ।
जीभ हथेली हाजिर करी झुकिया बासक राज,
बासक आंख्या टपक रही पुरो कीन्यो काज ।
आंख्या गंगा टपक रही मुडे भई उदास,
घर आ घोडी मुंडे बोलणो कलयुग रो इतिहास
बलिदान सुरसुरा गांव में बासक वचन सुणायो
झुक्यो ने घोल्यो काल सु जीभें डस भरायो
गांव सुरसुरा म्हाही ने सत्य री राखी आण
नाग रूप में आंव सुं आ तेजेरी पिछाण
ऐ तेजेरा भाव भगती करता भांकर री भारी
श्री वीर तेजा ज्यांरो नाम भांकर रा अवतारी
परचा देवे देवता जिणरे मन में विवास,
सरणे तेज के आवज्यो पुरण होवे आस ।
सावण बरसे भादवो नदीया मारे छोळ,
किसान तेजो गांवता इन्द्र चे हिलोळ ।
इन्द्र चे हिलोळ मेघ बरसावे,
हंस्तो धोरा माहीं किसान तेजो गावे ।
बांगल बांधी राखडी बहन भाई रा हेत,
सती हो इतिहास रच्यिो धरा हटाली रेत ।
मारवाड खरनाल में धोल्या थारों धाम,
दूर दूर सुं आवे यात्री लेवे थारो नाम
खेती करां हल जोता जद लेवा थारों नाम,
बीजां बीज मोती नीपजे ओर लागे कोनी पान ।
शक्ति थारी सराहणा पूजे जग संसार,
जाट कुळ में जन्म लियो धोल्या घर अवतार । 

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