यह अति चमत्कारी तेजा चालीसा है जिसे आप नित्य पठन करके अनुभव कर सकते है

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Balveer Ghintala

हे! वीर शिरोमणी जाट वीर, तेजा तेरी जय हो।
हे नागवंशीय कुल सूरज, तेजा तेरी जय हो।1।

गल-मुंच्छे शोभा पाती, तेरे रोबीले चेहरे पर।
देवोँ सी छंटा झलकती, तेरे तेजमय चेहरे पर।2।

कुलसुरज पगङी पर सोहे, तेरे माथे तिलक विराजे।
तना अँगरखा तन पर छाजे, तलवार कमर मेँ साजे।3।

नयनोँ से था तेज टपकता, सुरज सम था तेजवान।
रौबीले चेहरे के सम्मुख, झुक जाते थे बहु तेग-वान।4।

तू धर्मवीर जाट गौरव, पथदृष्टा है गौरक्षकोँ का।
तू सत्यवादी जाटवीर, नियमनकर्ता था कर्मोँ का।5।

लीलण थी सवारी तेरी, हाथोँ मेँ सुसोभीत था भाला।
गौ-रक्षा के प्रण हेतु, प्राण न्यौछावर भी कर डाला।6।

बहन-राजल, पिता-बक्साजी माँ रामकुंवरी का, तू था नयनतारा।
पेमल थी अर्द्धाँगिनि तेरी, गौमाता का तू पालनहारा।7।

इस वीर जाट का धरती पर, जब तक गुणगान रहेगा।
हम धरतीपुत्र जाटोँ का, तब तक अभिमान रहेगा।8।

किस भांती यशोगान करुँ तेजा, जो करुँ सब थौङा है।
अपने निर्बल तन-मन से साहस कर, ये सब जौङा है।9।

अर्पित करता "बलवीर" तेरे चरणोँ, मेँ यह यशोगान स्वीकार करो।
हे! नागवंशीय जाटवीर, यह शौर्यगान स्वीकार करो।10।

तेजा चालीसा
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